Gupt Navratri : Know More About Navratri
Gupt Navratri
देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है।गुप्त नवरात्र के दौरान साधक मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।
गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। माघ नवरात्री उत्तरी भारत में अधिक प्रसिद्ध है, और आषाढ़ नवरात्रि मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में लोकप्रिय हैसंबंधित जानकारियाँ
आवृत्ति - Half Yearly
समय - 10 Days
सुरुआत तिथि -Maagh Navratri: Maagh Shukla Prathama | Ashadha Navratri: Ashadha Shukla Prathama
समाप्ति तिथि -Maagh Navratri: Maagh Shukla Navami | Ashadha Navratri: Ashadha Shukla Navami
महीना -Maagh Navratri: January - February | Ashadha Navratri: June - July
मंत्र - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे।
प्रकार - Maagh Navratri, Ashadha Navratri
उत्सव विधि - Shakti Sadhana, Fast, Mantra Jaap.
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Out of four Navratris, there are two Gupt Navratri Magh and Ashadh. These Navratris are not well known by people therefore calledGupt Navratri . During the Gupta Navratri, devotees worship the mother Kali, Tara Devi, Tripura Sundari, Bhubaneswarwari, Mata Chinnamasta, Tripura Bhairavi, Maa Dhrumavati, Mata Baglakami, Matangi and Kamala Devi.
While the other Chaitra and Shardiya Navratri are famous and celebrated with joy. Some unique rituals like vashikarans, uchatans, stambhan, videshan and maran are performed in Gupt Navratri. Magh Navratri is more famous in northern India, and Ashad Navratri popularly celebrated in Southern India.